संस्कृत विद्वानों को पुरूस्कार और लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा को अपने निशाने पर लिया और कहा कि संस्कृत के करीब होने का दावा करने वालों ने इसकी प्रगति पर ध्यान नहीं दिया जबकि यह भाषा धर्म से संबंध रखती है. अगर केंद्र संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय करे तो राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करवाने को लेकर तैयार है. उन्होंने वाराणसी के संर्पूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने का प्रस्ताव भेजने पर विश्वास दिलाया है.

लखनऊ में संस्कृत के 22 विद्वानों को सम्मानित करने के पश्चात मुख्यमंत्री ने बताया कि समाजवादी सरकार ने बड़ी संख्या में संस्कृत स्कूलों को अनुदान सूची में समिल्लित किया है, पुरस्कार राशि में वृद्धि कर दुगुनी कर दी है.

गीता प्रतियोगिता में अव्वल मरियम सिद्दीकी का उत्तर प्रदेश में सम्मान मिलने के पश्चात दिल्ली में सम्मान किये जाने पर टिप्पणी करते हुए अखिलेश ने बोला कि राज्य सरकार बहुत सारे कार्य प्रारम्भ करती है, केंद्र उसका क्रियान्वयन करता है. इस अवसर पर कवि उदय प्रताप ने जानकारी दी कि ग्रामोफोन का अविष्कार होने के पश्चात उससे बजने वाली पहली धुन संस्कृत में थी. उन्होंने अखिलेश सरकार के लिए संस्कृत के विद्वानों का सहयोग भी माँगा है. कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अंबिका चौधरी, मंत्री पारसनाथ मौर्य, ओम प्रकाश सिंह भी समिल्लित हुए थे.

लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को मिलेगी पेंशन

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया है कि आपातकाल (इमरजेंसी) के समय जेलों में निरुद्ध रहे लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को पेंशन देना बंद नहीं किया जावेगा, इसके लिए सरकार नियम बनाएगी  और शीघ्र इसका विधेयक प्रस्तावित किया जाएगा.  उन्होंने बोला कि मुलायम सिंह यादव सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन की योजना प्रारम्भ की थी, जिसे बसपा सरकार ने समाप्त कर दिया था. अब कोई सरकार इस योजना को आसानी से बंद नहीं कर सके इसके लिए कानून निर्मित किया  जायेगा. लोकतंत्र रक्षक सेनानी का दर्जा उन्हें मिला है जो 1975 में आपातकाल के समय मीसा (आंतरिक सुरक्षा कानून) और डीआइआर (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत जेलों में बंद थे.

राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने जानकारी दी कि वर्तमान समय में राज्य में छह हजार 24 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को दस हजार रुपये मासिक पेंशन प्रदान की जाती है. रोडवेज बस में पांच हजार किलोमीटर तक निशुल्क यात्रा व मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी सरकार द्वारा प्रदान की गयी है.

इन्हें नवाजा पुरस्कार से 

- आचार्य राम यत्न शुक्ला निवासी कला तुलसी ग्राम, वाराणसी-विश्वभारती पुरस्कार (5,01,000 रुपये) - डा.प्रभुनाथ द्विवेदी निवासी भैंसा जिला मीरजापुर-महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार (2,01,000 रुपये) - डॉ.शशि तिवारी निवासी पश्चिम बिहार, नई दिल्ली-महर्षि व्यास पुरस्कार (2,01,000 रुपये) - आचार्य जय शंकर लाल त्रिपाठी निवासी चौहट्टा, कन्नौज-विशिष्ट पुरस्कार (1,01,000 रुपये) - डॉ.आनंद कुमार श्रीवास्तव निवासी प्रयाग, इलाहाबाद- विशिष्ट पुरस्कार (1,01,000 रुपये) - डा.धर्मेन्द्र कुमार निवासी निमखेड़ा बाजार, अमरावती, महाराष्ट्र-विशिष्ट पुरस्कार (1,01,000 रुपये) - आचार्य रवीन्द्र नागर निवासी जूनागढ़, गुजरात, कर्मक्षेत्र, गोलपाड़ा, मथुरा-विशिष्ट पुरस्कार (1,01,000 रुपये) - आचार्य राम किशोर त्रिपाठी निवासी कोलौंहा, बांदा-विशिष्ट पुरस्कार (1,01,000 रुपये)

-वेद पंडित पुरस्कार (51 हजार की राशि) -विद्या सागर निवासी दुर्गाघाट, वाराणसी -चेतन शर्मा निवासी अस्सी, वाराणसी -अक्षय कुमार औदित्य निवासी नारदघाट, वाराणसी -पं.सोम प्रकाश शर्मा निवासी डिबाई, बुलंदशहर -केवी रामन, हनुमानघाट, वाराणसी -नित्यानन्द आचार्य निवासी गौशाला मार्ग, वाराणसी -पं.अविकल्प शुक्ल, निवासी हनुमानघाट, वाराणसी -ब्रज मोहन पाण्डेय निवासी झूंसी, इलाहाबाद -सुनील कुमार शर्मा निवासी पन्नालाल मार्ग, इलाहाबाद -महेश कुलकर्णी, केदारघाट, वाराणसी

नामित पुरस्कार (सभी को 51 हजार)

1-डा.पुष्पा झा, निवासी वेयोहार बाग, जबलपुर, मध्य प्रदेश- कृति : कथंवदेयम 2-डा.शिव शंकर मिश्र निवासी गंगा स्वरूप आश्रम, हरिद्वार- कृति : दर्शनोन्मेष 3-डा.कृष्ण नारायण पाण्डेय निवासी राजाजीपुरम, लखनऊ- कृति : संघे शक्ति सर्वदा 4-डा.विनय कुमार पांडेय निवासी ज्योतिष विभाग, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, बीएचयू, वाराणसी- कृति : ज्योतिष सिद्धांत मंजूषा

विशेष पुरस्कार (सभी को 21 हजार)

1-डा.गायत्री प्रसाद पाण्डेय, निवासी सराय नन्दन, वाराणसी- कृति : अष्टावक्रगीतारहस्यम् 2-डा.रमाकांत शुक्ल निवासी वाणी बिहार, नई दिल्ली- कृति : मम जननी 3-डा.प्रशस्य मित्र शास्त्री निवासी जेल रोड, रायबरेली- कृति : हास्यं सुध्युपास्यम 4-डा.कमला पाण्डेय निवाली नरिया, बीएचयू, वाराणसी- कृति : लघुसिद्धांत कौमुदी 5-प्रो. विजय कुमार जैन, निवासी विकास खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-कृति : प्राकृत सौरभ 6-डा.शत्रुघ्न त्रिपाठी निवासी सुंदरपुर, वाराणसी-कृति : ज्योतिर्निबंधादर्श

विविध पुरस्कार (साहित्य, सभी को 11 हजार)

1-शिव शंकर त्रिपाठी निवासी भारतगंज, इलाहाबाद-कृति : उपवनविनोद 2-डा.सुरचना त्रिवेदी निवासी मिभाना, लखीमपुर-कृति : समग्र चिन्तनधारा के सशक्त नायक-स्वामी विवेकानंद 3-डा.सुरेन्द्र पाल सिंह निवासी नया ममफोर्डगंज, इलाहाबाद-कृति : श्रूयते न तुदृश्यते 4-बृजेश कुमार शुक्ल निवासी गोकरननाथ रोड, लखनऊ-कृति : श्रीप्रियलालजनकशतकम 5-डा.सुधा गुप्ता निवासी किदवईनगर, कानपुर-कृति: आत्मोत्कर्षक स्तोत्र सूर्य 6-डा.सत्येन्द्र मिश्र निवासी अस्सी, वाराणसी-कृति : जातकभरणम 7-डा.विजय कुमार कर्ण निवासी राजाजीपुरम, लखनऊ-कृति संस्कृत वाड्मय में राष्ट्रीय चेतना

विविध पुरस्कार (शास्त्र पुरस्कार, 11 हजार)

1-डा.सिद्धीदात्री भारद्वाज निवासी शुकुलपुरा, वाराणसी-कृति: तंत्रसंविद् 2-प्रचेतस निवासी चाणक्यपुरी, अमेठी-कृति : शिक्षा वेदांग की परम्परा और आचार्य अपिशलि 3-डा.हेरम्ब पाण्डेय निवासी नगवा, वाराणसी-कृति: ऋग्वेद में सविता 4-डा.देवी सहाय पाण्डेय 'दीपÓ निवासी लवकुशनगर, अयोध्या, फैजाबाद-कृति : पतंजलयोगदर्शनम 5-डा.सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, निवासी जलालपुर, कौशांबी-कृति: सिद्धांत चन्द्रिका

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