सामने तुम मेरे कभी रहते नहीं हो

देखकर भी तुम मुझको ठहरते नहीं हो! सामने तुम मेरे कभी रहते नहीं हो! बेचैनियों का शोर है ख्यालों में मगर, अपनी जुबाँ से तुम कभी कहते नहीं हो!

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