समां महक उठता है

सुबह आती है  रोशनी के साथ  अँधेरे को चीरते हुए  जो पहचान है बुराई के अंत की  अच्छाई की बुराई पर विजय की सुबह आती है  पक्षियों के चहकने के साथ  जो पहचान है आजादी की  खुले आकाश में उड़ने की  लक्ष्य को पाने की  कुछ कर दिखाने की सुबह आती है फूलो के खिलने के साथ  जिनकी भीनी - भीनी खुशबू से  समां महक उठता है  जो सदा मुस्कुराने की  प्रेरणा देते है सुबह आती है ईश्वर के नाम के साथ  जो सत्य है , प्रेम है  जो सिखाता है  सभी से प्रेम करना  दुखियों की सेवा करना सुबह आती है हमें बताने के लिए  उठो जागो और कर्म करो  ताकि एक नयी सुबह  फिर से आ सके "प्राची" तुम्हे जगाने के लिए।।

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