सलमान ने किया था नशा, कार में नहीं थी कोई खराबी

सलमान खान से जुड़े हिट एंड रन मामले में अभियोजन पक्ष ने बुधवार को निचली अदालत से कहा कि वर्ष 2002 में सड़क दुर्घटना के समय अभिनेता लैंड क्रूजर एसयूवी चला रहे थे और वह नशे में थे। अभियोजन ने बचाव पक्ष की यह बात भी खारिज की कि वाहन में तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी और इसका आगे का टायर फट गया था जिससे दुर्घटना हुई। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घारत ने कहा कि रक्त के नमूने की जांच दिखाती है कि अभिनेता उस रात नशे में थे। उन्होंने कहा कि उनकी जांच में सौ मिलीलीटर खून के नमूने में 62 मिलीग्राम इथाइल एल्कोहल पाया गया। घारत ने कहा कि रक्त लेने और उसे पुलिस थाने और फिर प्रयोगशाला तक ले जाने में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। रासायनिक विश्लेषक की गवाही का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आमतौर पर शराब पीने वाले व्यक्ति में प्रति सौ मिलीलीटर में करीब 30 मिलीग्राम एल्कोहल की मात्रा होती है और अगर वह दवाएं ले रहा है तो यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
 तकनीकी गड़बड़ी की बात को खारिज करते हुए अभियोजक ने कहा कि पंचर टायर से इस तरह की गाड़ियों का परिचालन तत्काल प्रभावित नहीं होता, क्योंकि रेडियल टायरों का प्रयोग होता है। सत्र न्यायााधीश डीडब्ल्यू देशपांडे इस मामले में अंतिम दलीलें सुन रहे हैं। फिर मुसीबत में फंसे सलमान, मारपीट का नया केस हुआ दर्ज सलमान पर आरोप है कि उन्होंने फ्लाइट में यात्रा के दौरान को-पैसेंजर के साथ बहस और मारपीट की. इस मामले में को-पैसेंजर रविंद्र द्विवेदी ने सलमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. मारपीट की यह घटना करीब पांच महीने पहले 4 नवंबर 2014 को मुंबई से दिल्ली जा रही फ्लाइट में हुई थी. खबर के अनुसार यात्रा के दौरान सलमान खान की एक साथी यात्री से उनकी बहस हो गई, जिसके बाद उन्होंने अपने बॉडीगार्ड से रविंद्र द्विवेदी को पिटवाया. यही नहीं सलमान खान ने अपने बॉडीगार्ड से यह भी कहा कि वह रविंद्र द्विवेदी से डॉक्युमेंट्स भी छीन ले. दरअसल उस समय रविंद्र द्विवेदी के पास बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के एक्सीडेंट मामले के पेपर्स थे. इस मामले में अंधेरी (मुंबई) मेट्रोपोलिटन कोर्ट नं. 66 ने केस फाइल करते हुए एयरपोर्ट पुलिस को मामले की छानबीन करने का आदेश दिया है. 
कोर्ट के आदेश के अनुसार, एयरपोर्ट पुलिस IPC की धारा 156 (3) के तहत मामले की जांच कर रही है. रविंद्र द्विवेदी ने बताया कि, "मैं 4 नवंबर 2014 को वे अन्य कमेटी मेंबर्स के साथ जेट एयरवेज की फ्लाइट 9W331 में यात्रा कर रहे थे. इस दौरान जैसे ही मैं फ्लाइट में पहुंचा, सलमान ने मुझे गालियां देने लगे और अपने बॉडीगार्ड से मुझे मारने और मेरे पास रखे पेपर छीनने को कहा." रविंद्र द्विवेदी के अनुसार उन पेपर में गोपीनाथ मुंडे के निधन से जुड़े महत्वपूर्ण पेपर्स भी थे. घटना के बाद रविंद्र द्विवेदी ने एयरपोर्ट पुलिस के पास गए, लेकिन उन्होंने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने अंधेरी कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज करवाई. करीब पांच महीने बाद सोमवार को कोर्ट ने मामले पर गौर किया और एयरपोर्ट पुलिस को पुलिस को निर्देश दिया कि वे सलमान के खिलाफ केस दर्ज कर आपराधिक धारा 156 (3) के तहत मामले की जांच करें. कोर्ट ने पुलिस को आईपीसी की धारा 392 (लूट), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 504 (भड़काने के इरादे से अपमान कर करना), 506 (2) और 504 के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

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