साल्वे बने सलमान के मसीहा

मुंबई की कोर्ट ने बुधवार को सलमान खान को हिट एंड रन केस में पांच वर्ष जेल की सजा सुनाई. और खबर आई कि दंबग खान को कोर्ट से सीधे आर्थर रोड जेल में ले जाया जाएगा. मगर, उसी वक्त दंबग खान के लिए मसीहा के रूप में आए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दंबग खान को कुछ घंटों के अंदर ही सलमान को जमानत दिलवा दी. 56 वर्षीय हरीश साल्वे ने हाई कोर्ट में यह तर्क दिया कि ऑर्डर की कॉपी नहीं मिली है. जिस कारण सलमान खान को जेल भेजना सही नहीं है.

हरीश के इस तर्क को सही मानते हुए हाई कोर्ट ने अभिनेता सलमान खान को दो दिन की अग्रिम जमानत दे दी. आपको बता दे पूर्व सॉलिसिटर जनरल साल्वे सलमान के लिए कि खास तौर पर दिल्ली से मुंबई पहुंचे थे. एक वरिष्ठ वकील के अनुसार साल्वे के सोचने की क्षमता जबरदस्त है, और वो अपने काम में बहुत मेहनत करते हैं शायद इसीलिए वह सफल हैं. उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह अपना आपा नहीं खोते हैं.

आपको बता दे कि साल्वे के दादाजी पीके साल्वे जाने माने क्रिमिनल लॉयर रह चुके हैं. हरीश साल्वे ने बॉम्बे में ही अपनी टैक्स लॉयर नानी से वकालत की शुरुआती बारीकियां सीखीं थी. मुंबई से दिल्ली शिफ्ट होने के बार उन्होंने प्रतिष्ठित वरिष्ठ वकील सोली सोराबजी के साथ काम किया. वर्ष 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने हरीश साल्वे को वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी दी और 1999 में सॉलिसिटर जनरल बनाया. हालांकि, लगातार दूसरी बार साल 2002 में उन्हें इस पद की पेशकश की गई, तो अपने निजी कारणों की वजह से उन्होंने इस पद को लेने से इंकार कर दिया था.

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