असली नेता तो सचिन तेंदुलकर ही है

नई दिल्ली। राज्यसभा के असली सदस्य क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ही साबित हुए है। सचिन ने बतौर सांसद मिलने वाले लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड का 90 प्रतिशत हिस्सा खर्च कर दिया है। इतना ही नही सचिन ने जम्मू व तमिलना़डु में आई बाढ़ के बाद वहां स्कूल व पुल बनाने के लिए भी फंड दिया है। साथ ही उन्होने उतराखंड के चामोली के लिए भी फंड दिया है। सचिन तीन साल पहले राज्यसभा के सांसद बने थे।

इसके बाद से हमेशा ऐसी खबरें आती है कि सचिन सदन में कम ही उपस्थित होते है और यदि होते भी है, तो कोई सवाल नही पूछते है। लेकिन यह बातें वाकई हैरान करने वाली है। सचिन ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के पुत्तमराजू कांद्रिगा गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। इस गांव में हुए विकास की ग्रामीण विकास मंत्रालय ने खुद तारीफ की है। भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान भी इस गांव में हुए विकास को एक डॉक्यूमेंट्री के जरिए दिखाया गया था।

सचिन 12 संसदीय सत्रों के 235 दिनों में से केवल 13 दिन ही सदन पहुंचे है। इस साल के शीतकालीन सत्र में सचिन ने 7 सवाल पूछे थे। लेकिन सदन में जब उनके सवालों का जवाब दिया गया, तब भी वो सदन में उपस्थित नही थे। सचिन को यूपीए सरकार ने 2012 में सांसद के लिए नामांकित किया था। बाद में सचिन को सूचना तकनीक पर बनी एक स्टैंडिंग कमेटी में भी शामिल किया गया।

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