टूटती हुयी सांसों का ऐतबार क्या करें यादों के मरहम से दर्द का तिमार क्या करें धड़कनें बेख़ौफ़ खामोशी की राह चल पड़ीं हैं जरा चेन से मरने दो और इंतजार क्या करें माना कि मेरी चाहत तुझसे कुछ जुदा ही थी पर मैं हुआ इश्क में बीमार क्या करें तेरी निगाह बदलते ही बदल गया हर लम्हा देखते ही देखते गुल बन गया खार हम क्या करें तेरे जहाँ में वफ़ा का इल्म काम न आया सुना पड़ा है हसरतों का मजार क्या करें