जन मानस के जीवन मे छाया तम सभी हटा देगे सत्य कह रहा तन मन धन जीवन हम सभी लगा देगे मानवता से बडा धर्म कोई हो जरा बता तो दो हर जीवो मे है ईश बसा कैसे हम भला भुला देगे कोहराम मच रहा चहूँ ओर भयभीत नजर सब ताक रहे कैसे पग बोलो रूक जाये हम बढकर गले लगा लेगे क्या अपना भला सोचना ही कोई भी धर्म सिखाता है सब खुशी और कह कहे करे ऐसा युग एक बना देगे है कठिन मगर सम्भव भी है क्यो न प्रयास करके देखे मानव समाज की बगिया को हम सब मिल कर महका देगे हाथो पर रखकर हाथ स्वंय असहाय बने न देखेगे हम होगे कामयाब एक दिन साबित करके दिखला देगे