नेपाल ने भारतीय राजदूत को हटाए जाने पर रखा अपना पक्ष

काठमांडू : नेपाल ने अंततः अपने भारतीय राजदूत को नेपाल वापस बुलाए जाने और नेपाली राष्ट्रपति विद्दा भंडारी की भारत यात्रा कैंसिल किए जाने और नेपाल में तैनात भारतीय राजदूत रंजीत राय को निष्कासित किए जाने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सोमवार को खबर आई थी कि नेपाली सरकार ने राय को अवांछित व्यक्ति घोषित (पीएनजी) करने की तैयारी में है।

इसका तात्पर्य यह है कि उनके राजनयिक अधिकार वापस लिए जाएंगे। रंजीत पर वियना कन्वेंशन सहित कई कूटनीतिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप है। इन आरोपों को अधिक बल नेपाली पीएम के पी ओली के बयान से मिला। उन्होने उनकी सरकार गिराए जाने में भारत का हाथ होने का दावा करने के बाद भंडारी की भारत यात्रा रद्द कर दी।

खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री ओली के आवास पर बैठक में राजदूत रंजीत को पीएनजी घोषित करने की संभावनाओं पर चर्चा होने के बाद भारत व नेपाल में हलचल मच गई, जिसके चलते रविवार शाम उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री कमल थापा को इस संबंध में एक बयान जारी करना पड़ा।

अपने बयान में थापा ने कहा कि मीडिया रिपोर्टो में कहा जा रहा है कि भारतीय राजदूत रंजीत राय को निष्कासित किया जा रहा है, यह बिल्कुल गलत है। उनका मकसद नेपाल-भारत के संबंधों को नुकसान पहुंचाना नहीं है।

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