रुद्राक्ष है शिवजी का आंसू

रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र अर्थात शिव की आंख से निकला अक्ष यानी आंसू. एक बार भगवान शिव ने अपने मन को वश में कर संसार के कल्याण के लिए सैकड़ों सालों तक तप किया. एक दिन अचानक ही उनका मन दु:खी हो गया.जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं तो उनमें से कुछ आंसू की बूंदें गिर गई. इन्हीं आंसू की बूंदों से रुद्राक्ष नामक वृक्ष उत्पन्न हुआ.

रुद्राक्षों को विधिविधान से धारण करने से विशेष लाभ मिलता है

1-एक मुख वाला रुद्राक्ष साक्षात शिव का स्वरूप है.  जहां इस रूद्राक्ष की पूजा होती है, वहां से लक्ष्मी दूर नहीं जाती.

धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:

2-दो मुख वाला रुद्राक्ष देव देवेश्वर कहा गया है.जो भी व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसकी हर मुराद पूरी होती ह.

धारण करने का मंत्र- ऊं नम:

3-तीन मुखी रुद्राक्ष को अग्नि देव तथात्रिदेवों का स्वरुप माना गया है. तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. तथा पापों का शमन होता है.

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