RSS की विंग करेगी प्रेगनेन्सी के पूर्व संतति का उत्तम विकास

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी एक विंग द्वारा छोटे बच्चों को कुशाग्र बनाने और उनमें संस्कार विकसित करने के उद्देश्य से अभिमन्यु की तरह दक्ष करने का प्रयास किया जाएगा। जी हां, केंद्र के गर्भ विज्ञान अनुसंधान केंद्र में इसी तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसमें इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि माता पिता के गुण कैसे भी हों बच्चे को कुशाग्र व मेधावी बनाया जा सकता है। माता पिता की कद काठी के विपरीत बच्चों की कद काठी प्राप्त की जा सकती है।

इतना ही नहीं अनुसंधान केंद्र में दावे किए हैं कि यदि माता पिता के लिए शुद्धिकरण ग्रहों के विन्यासों द्वारा तय समय पर संभोग बच्चे की कल्पना के बाद पूर्ण संयम और प्रक्रियात्मक आहार संबंधी नियम का पालन एक बेहतर संतानोत्पत्ती प्राप्त करने में सहयोगी होता है। साथ ही प्रसूति की अवस्था के तीन माह पहले तक महिला की नाड़ी शुद्धि का कार्य और देह शुद्धी का कार्य किया जाता है।

इतना ही नहीं पुरूष के शुक्राणुओं और महिला के अंडाणुओं को शुद्ध किए जाने की प्रक्रिया भी की जाती है। इस मामले में चर्चा में मीडिया को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह प्रोग्राम गुजरात में एक दशक पहले लॉन्च किया गया था। इसके बाद गुजरात व मध्यप्रदेश में इसकी करीब 10 शाखाऐं खोली गईं इसके बाद भारत में इसकी और भी शाखा खोली गई। इस मामले में यहां की संयोजक डाॅ. करश्मिा मोहनदास नारवानी का कहना है कि इस तरह से उत्तम संतति प्राप्त की जा सकती है और इससे ही एक कुशल और समर्थ भारत का निर्माण हो सकता है।

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