सुप्रीम कोर्ट, दुर्घटना पर हाईकोर्ट के फैसले से सहमत, दिया अलग से 50 हजार का मुआवजा

नई दिल्ली.  सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक अभिनव पहल करते हुए मोटर दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्ति जो की 'डिफरेंट्ली एबल्ड' और पार्टनर ढूंढने में अक्षम हो गया. उसे  35.7 लाख रूपये व नौ फीसदी ब्याज के साथ मुआवजा देने का अपना निर्णय बरकरार रखा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह शख्स वकील है व इसके मुआवजे की राशि में पचास हजार रूपये  उसके 'डिफरेंट्ली एबल्ड' और पार्टनर ढूंढने में अक्षम है के तहत और जोड़ दिए है. यह व्यक्ति  8 अगस्त 1999 में अपनी बाइक से जा रहा था की उसका ऑटो रिक्शा से एक्सीडेंट हो गया. 

व 'डिफरेंट्ली एबल्ड' की श्रेणी में आ गया था. व सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखते हुए कहा की पीड़ित को अलग से पचास हजार रुपए और मिलना चाहिए. इस व्यक्ति का नाम एस अच्युतन है उसने इस दुर्घटना के बाद पचास लाख रुपए के मुआवजे की मांग की थी. व इसके लिए बीमा कंपनी हाईकोर्ट चली गई थी. व हाईकोर्ट ने भी दोहराया था की उसे मुआवजा मिलना चाहिए. व सुप्रीम कोर्ट ने भी उसी के पक्ष में निर्णय सुनाया. 

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