रिश्ता दिल से जुड़ जाता है

दिल का एक अनकहा रिश्ता दिल से जुड़ जाता है पेहली नज़र में जब प्यार हो जाता है एक पल मे अजनबी दिल का मलिक बन जाता है आँखे बस वोह अजनबी आँखे ढूंढ़ती है पिया से मिलने का बस वोह बहना ढूंढ़ती है जिया को सुकून तब आता है जब आँखो के सामने उनका चेहरा आता है दिल से दिल का बस एक रिश्ता जुड़ जाता है

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