जैन तीर्थंकर की मूर्ति बना विश्व का सबसे बड़ा शिल्प

नई दिल्ली : भारत के मूर्ति शिल्प का अपना स्थान है। भारत का मूर्ति शिल्प आज भी विश्व के लिए एक आश्चर्य है। बड़े पैमाने पर पर्यटक यहां आकर मूर्ति शिल्पों को निहारता है। यही शिल्प भारत की पहचान भी बना है। आधुनिक दौर में ऐसे ही एक मूर्ति शिल्प ने गिनीज वल्र्ड आॅफ रिकाॅर्डस में अपना स्थान बनाया है। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की 108 फुट ऊंची प्रतिमा को इस रिकाॅर्ड बुक में स्थान दिया है। यह प्रतिमा बेहद अद्भुत है।

आश्चर्य यह है कि यह मूर्ति शिल्प एक ही पत्थर पर बना है। इस तरह का भव्य मूर्ति शिल्प उत्तरी महाराष्ट्र जिले बेगलान तहसील के तेहराबाद गांव के मंगी तुंगी पर्वत पर प्रतिष्ठापित है। इस मूर्ति शिल्प के प्रतिष्ठापना समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत कई गणमान्यजन मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि जैन साध्वी ज्ञानमती माताजी और चंदनमती माताजी को गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्डस के अधिनिर्णायक स्वप्निल दांगीकर ने प्रमाणपत्र सौंपा। इसके पूर्व कर्नाटक के श्रवनबेलागोला में भगवान बाहुबली की 57 फुट ऊंची प्रतिमा विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा के तौर पर जाना जाती रही है। 

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