रिओ ओलम्पिक में महू आर्मी के सूबेदार गुरुप्रीत सिंह हासिल कर सकते है सफलता

रियो ओलिंपिक में दावेदारी पेश करेंगे, महू स्थित आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (एएमयू) के तीन निशानेबाज  इनमें से एक सूबेदार गुरप्रीत सिंह है। 29 वर्षीय गुरप्रीत 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल में किस्मत आजमाने उतरेंगे। 2015 में म्यूनिख विश्व कप में ओलिंपिक कोटा हासिल करने वाले इस शूटर ने पिछला काफी समय (मानसिक मजबूती) पर ध्यान दिया और अब वे अतिरिक्त दबाव पर से ध्यान हटाकर देश को पदक दिलाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

निशानेबाजी प्रीसिजन का खेल है और इसके लिए मानसिक एकाग्रता बेहद आवश्यक है। ओलिंपिक जैसे बड़े इवेंट में शूटर पर अतिरिक्त दबाव आ जाता है, जिससे किस तरह बचा जाए इसका गुरप्रीत ने लंबे समय तक अभ्यास किया। वैज्ञानिक ढंग से उन्होंने यह सीखा कि किस तरह इस मनोवैज्ञानिक दबाव को झेला जाए और खुद पर अतिरिक्त दबाव नहीं आने दिया जाए.

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के करीब पंजाब के तरनतारन जिले के नौशेरा पानुआन गांव के निवासी गुरप्रीत ने 12 वर्ष पहले सेना ज्वाइन की थी। उनकी इच्‍छा पैरा जम्पिंग करने की थी, लेकिन उन्होंने मन बदला और लैंडमाइन इंजीनियरिंग को चुना। इसी दौरान किस्मत से उनका शूटिंग से कनेक्शन जुड़ा। शूटिंग ट्रायल्स के दौरान उन्होंने बुल्स आई हिट किया। उनकी इच्छा के बावजूद वे शूटिंग से जुड़े और इसी में सफलता की सीढि़या चढ़ते गए.

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