भोजन करते समय मुंह पूर्व और उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. ऐसा करने से शरीर को भोजन से प्राप्त ऊर्जा पूरी तरह से मिलती है. दक्षिण दिशा की ओर मुंह होना अशुभ और पश्चिम दिशा की ओर मुंह होने से बीमारियों में बढ़ोतरी होती है. खाना खाने से पहले दोनों हाथ, दोनों पैर और मुंह को धोने के पश्चात ही भोजन करना चाहिए. मान्यता के अनुसार गीले पैरों के साथ भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होता है और उम्र में बढ़ोतरी होती है. भोजन न तो बिस्तर पर बैठकर और न ही प्लेट हाथ में पकड़कर करें. भोजन हमेशा आराम से बैठ कर करना चाहिए. भोजन की थाली लकड़ी की चौकी पर रखें और बर्तन साफ-सुथरे होने चाहिए. टूटे बर्तनों में भोजन करना अशुभ माना जाता है. भोजन करने से पूर्व अन्न देवता, अन्नपूर्णा माता और देवी-देवताओं का स्मरण कर उन्हें धन्यवाद करें. भोजन स्वादिष्ट न लगने पर उसका तिरस्कार न करें. ऐसा करने से अन्न का अपमान होता है.