नई दिल्‍ली: पुलवामा के बाद जिस तरह से इंडियन एयर फ़ोर्स ने पाकिस्‍तान में खैबर पख्‍तूनख्‍वां के बालाकोट में आतंकी अड्डों को निशाना बनाया उसने भारत के प्रति विश्व का नजरिया बदलकर रख दिया है। यह भारत के लिए काफी हद तक सकारात्‍मक परिवर्तन है। बालाकोट में की गई एयर स्‍ट्राइक में आतंकी संगठन जैश ए मुहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर के नजदीकी रिश्‍तेदारों सहित कई आतंकियों को ढेर करने में भारत को अभूतपूर्व सफलता मिली है। राहुल गाँधी पर पीएम मोदी का हमला, कहा - उन्हें भूखे पेट सोने का दर्द नहीं पता वैश्विक समुदाय ने भारत के इस फैसले को जहां सही करार दिया है, वहीं दोनों देशों से संयंम बरतने का भी आग्रह किया गया है, किन्तु इस एयर स्‍ट्राइक ने कहीं न कहीं जवानों के आत्‍मविश्‍वास को बुलंदी पर पहुँचा दिया है। सेवानिवृत्त एयर मार्शल अनिल चोपड़ा भी ऐसा ही मानते हैं। उनका कहना है कि पहले भारत इसके लिए इंतजार करता था कि अमेरिका जैसा बड़ा मुल्क पाकिस्‍तान पर किसी तरह की कार्रवाई करेंगा। दूसरी ओर से आश्‍वासन मिलने के बाद होता कुछ नहीं था, वहीं पाकिस्‍तान बार-बार भारत पर हमले करता रहता था। एयर स्ट्राइक नहीं थी कोई सैन्य कार्यवाही, क्योंकि किसी भी नागरिक पर नहीं हुआ हमला - निर्मला सीतारमण अमेरिका हर बार पाकिस्‍तान के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने से बचता आया है। इसके कारण अफगानिस्‍तान में अमेरिका की उपस्थिति के लिए पाकिस्‍तान बड़ी राहत है। यहां से ही उसकी सप्‍लाई भी आती है। यदि अमेरिका, पाकिस्‍तान में कार्रवाई करता है तो वो अफगानिस्‍तान में फंस सकता है, जो की अमेरिका कभी नहीं चाहेगा। अनिल का कहना है कि दूसरे देशों पर मात्र सपोर्ट के लिए निर्भर हुआ जा सकता है, किन्तु जवाब भारत को खुद ही देना होगा। खबरें और भी:- महेंद्र कर्मा के बेटे को बनाया डिप्टी कलेक्टर, छत्तीसगढ़ की राजनीति में आया भूचाल कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने से भड़की आप, केजरीवाल ने कह दी बड़ी बात सेना का मनोबल तोड़ने में जुटे हुए हैं कांग्रेस के नेता - कानून मंत्री रविशंकर