राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष बनाने हेतु वित्त मंत्रालय से बातचीत जारी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष बनाने के लिए रेल मंत्रालय वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है और इसके लिए रेलवे ने 1.19 लाख करोड़ रुपए का एक प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा है.

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कोष बनाने के लिए वित्त मंत्री के साथ बातचीत चल रही है. आपने सदस्यों को आश्वस्त किया कि ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए पटरियों के नवीकरण कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है.

रेल मंत्री ने देश में 31 मार्च 2015 को देश में कुल रेल पटरियों की लंबाई 117996 किलोमीटर होने की जानकारी देते हुए बताया कि पटरियों का नवीकरण एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि 119183 करोड़ रुपए की लागत से एक राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष बनाने का प्रस्ताव है जो सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए होगा और अगले पांच साल में इसे चालू किया जाएगा. इस कोष के तहत 44979 करोड़ रुपए सिविल इंजीनियरिंग संपदा के निर्माण पर खर्च किया जाएगा जिसमें पटरियों का नवीकरण, पुलों की मरम्मत आदि शामिल हैं. इस संबंध में एक प्रस्ताव विचार के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा गया है

एक सवाल के जवाब में प्रभु ने कहा कि देश में भारतीय रेल के 28607 फाटक हैं जिसमें से 9340 बिना चौकीदार वाले हैं. एक अप्रैल 2016 की स्थिति के अनुसार देश में 19267 फाटको पर चौकीदार तैनात हैं जबकि 9340 समपार बिना चौकीदार वाले हैं. भारतीय रेलों में ऐसे बहुत कम स्थान हैं, जहां रेलपथ के दोनों ओर सड़के तो हैं परन्तु इन स्थानों पर कोई समपार या ग्रेड सेपरेटर नहीं हैं. रेल मंत्री ने कहा कि मौजूदा नीति के अनुसार संरक्षा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा लाइन पर कोई नया समपार नहीं दिया गया है.

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