शनिवार की रात कर लें बस एक काम, बनते जाएंगे आपके बिगड़े हुए काम

जिंदगी के एक मोड़ पर हम सभी के सामने वो समय आता है जब हमारा कोई काम नहीं बनता। जिस काम को हाथ लगाओ वह बिगड़ जाता है या फिर उसमें कामयाबी नहीं मिलती। कोई नया व्यापार चलाएं या नौकरी बदलें, दोनों में नाकामी ही हाथ लगती है। ऐसा लगता है मानो किस्मत ने साथ छोड़ दिया हो। सिर्फ नौकरीपेशा लोग ही नहीं, विद्यार्थी और घरेलू लोगों को भी अपनी किस्मत के कमजोर होने का एहसास कभी ना कभी होता अवश्य है। ऐसे में कुछ लोग तो धैर्य बनाए रखते हैं और इंतजार करते हैं बुरा समय गुजरने का।

किन्तु वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें कुछ भी करके इस दुर्भाग्य से जूझना है और इसे दूर करने के लिए हर संभव कोशिश करना है। यदि आप उन लोगों में से हैं तो चलिए, आपको शास्त्रों द्वारा प्रदान किए गए एक टोटके से परिचित कराते हैं, जो काफी आसान है, लेकिन इसका प्रभाव लाजवाब है। शास्त्रीय मत के मुताबिक, इस उपाय को करने के कुछ ही दिनों में जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है और किस्मत वापस प्रबल होने लगती है।

उपाय के मुताबिक, सरसों के तेल में सिक्के, गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूए, सात मदार (आक) के फूल, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात में किसी चार रस्ते के कोने पर रखें, बीच में नहीं और कहें - "हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं, कृपया मेरा पीछा ना करना।" ऐसा कहते हुए बाकी सामग्री को वहां रख दें और सीधा घर की तरफ निकल जाएं, गलती से भी पीछे मुड़कर न देखें।

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