रिश्तेदार को नहीं मिला टिकट तो रेलवे को थमाया नोटिस

नई दिल्ली : देश की समस्त सेवाऐं आम आदमी को सुविधाऐं देने के लिए होती हैं लेकिन आम आदमी तो प्रतिदिन धक्के खाता हुआ अपने गंतव्य तक पहुंच ही जाता है। मगर जब बात उच्च पदों पर आसीन किसी पदाधिकारी और उसके रिश्तेदारों की हो तो असुविधा होने पर अधिकारी का पारा सातवें आसमान पर हो जाता है। ऐसे ही एक मामला हाल ही में सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नवीन सिन्हा के रिश्तेदार का ट्रेन का टिकिट कन्फर्म नहीं हुआ।
जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने रेलवे को नोटिस भेज कर इसका जवाब मांगा। दरअसल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा शपथ ग्रहण करने जाने वाले थे, इस दौरान उनके एक संबंधी को निमंत्रित किया गया था। उनके संबंधी का टिकट बिलासपुर - एक्सप्रेस से 11 अप्रैल को बुक करवाया गया था। जिसके बाद टिकट कन्फर्म नहीं होने के बाद उन्हें वीआईपी कोटे के अंतर्गत कन्फर्मेशन दिया गया। 
हाईकोर्ट की ओर से रेलवे को आवेदन किया गया लेकिन टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया। वीआईपी कोटे के अंतर्गत टिकट नहीं मिलने के बाद बिलासपुर में तैनात स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट विक्रम प्रताप चंद्रा ने दक्षिण पूर्व रेलवे के अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया। मामले में यह सवाल किया गया कि आखिर चीफ जस्टिस के रिश्तेदार के लिए टिकट क्यों बुक नहीं हो पाई। विभाग को 16 अप्रैल तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। हालांकि रेलवे की ओर से कहा गया है कि चीफ जस्टिस के रिश्तेदारों को वीआईपी कोटे का प्रोटोकाॅल देने का नियम नहीं है।

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