दस रुपए का सिक्का लेने से मना करना देशद्रोह है

अगर 10 रुपये के सिक्के को कोई लेने से मना करता है या इसका चलन बंद होने की अफवाह फैलाता है तो उस व्यक्ति पर भारतीय रिजर्व बैंक देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. बता दें कि अभी कुछ समय से फेसबुक और वाट्सएप पर बीते कुछ महीने से यह अफवाह फैलाई जा रही है कि 10 रुपये के सिक्कों पर भारतीय रिजर्व बैंक ने रोक लगा दी है और कुछ लोगों का कहना है कि 10 रुपये का सिक्का नकली है, जबकि ऐसा नहीं है. ये सिक्के पूर्णरूप से चलन में हैं.

गौतरतलब है कि 10 रुपये के सिक्के नहीं लिए जाने के कई मामले जब सामने आने लगे तो भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति सिक्कों को लेने से मना नहीं कर सकता. ये सिक्के पूर्णरूप से चलन में हैं, यदि कोई सिक्का नहीं ले रहा है, तो भारतीय रिजर्व बैंक उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएगा.

आरबीआई ने बताया कि 10 रुपये का सिक्का राष्ट्रीय करेंसी है. किसी के पास इसे लेने से मना करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि भारत सरकार इसे मान्यता देती है.

आज़ादी के पहले कुछ ऐसी होती थी हमारी इंडियन करेंसी

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