सुनिश्चित हो घाटी में कश्मीरी पंडितों की पुर्नबसाहट की बात

नई दिल्ली : नई दिल्ली के जंतर - मंतर पर बीते रविवार को हाथों में तख्तियां लिए और सिर पर काली पट्टी बांधे प्रदर्शनकारी अपना विरोध जता रहे थे। जब मीडिया और अन्य लोगों ने इनका दर्द जानने की कोशिश की तो ये कश्मीरी पंडित निकले। मिली जानकारी के अनुसार जम्मू - कश्मीर विचार मंच, कश्मीरी पंडित मिशन 5000, रूट्स इन कश्मीर, पानुन कश्मीर और आॅल इंडिया कश्मीरी समाज जैसे संगठन संयुक्त तौर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

कश्मीरी पंडितों को जम्मू और कश्मीर से विस्थापित किए जाने और बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों की हत्या किए जाने के मामले में कश्मीरी पंडितों ने अपना विरोध जताया है। उनका कहना है कि कश्मीरी पंडित वापस कश्मीर घाटी में बसना चाहते हैं मगर इस मामले में अलगाववादी नेताओं द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा है। कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को लेकर अलगाववादियों को अपना मत रखने की कोई जरूरत नहीं है।

यही नहीं कश्मीरी पंडितों ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में फिर से बसाने का ढोंग कर रही है। मामले में कश्मीरी पंडितों के विभिन्न संगठन भी प्रदर्शन कर रहे थे। जम्मू - कश्मीर विचार मंच के महासचिव मनोज भान ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस मामले में निर्णय लेने के पहले कश्मीरी पंडितों से चर्चा जरूर करें। इस बात की अपील कश्मीरी पंडित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो यह हो रहा है कि कश्मीरी पंडितों को लेकर की जाने वाली किसी तरह की चर्चा में कश्मीरी पंडित शामिल नहीं हैं।

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