याकूब को फांसी नहीं होनी चाहिए : रॉ ऑफिसर

नई दिल्ली : 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को पकड़ कर लाने वाले रॉ के अफसर याकूब की फांसी  के खिलाफ हैं. कैबिनेट सेक्रेटेरिएट में एडिशनल सेक्रटरी के पद पर रह चुके पूर्व रॉ अफसर बी रमन ने कहा था कि याकूब को फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के अफसर रमन को जब कराची में याकूब और उसके फैमली मेंबर्स के को-ऑर्डिनेशन का काम सौंपा गया था, तब वो पाकिस्तान डेस्क के हेड थे. रमन का 16 जून 2013 में निधन हो गया.

एक इंग्लिश वेबसाइट के मुताबिक 2007 में रमन ने एक आर्टिकल लिखा था, जिसे उनके भाई की इजाजत के बाद अब पब्लिश किया जा रहा है. इसमें अपने रिटायरमेंट के कुछ हफ्ते पहले रमन ने कहा था कि जुलाई 1994 में याकूब को काठमांडू में नेपाल पुलिस की मदद से पकड़ा गया था. उन्होंने कहा था, ''उसे नेपाल में पकड़ कर भारतीय सीमा के अंदर और फिर एविएशन रिसर्च सेंटर की फ्लाइट से दिल्ली लाया गया था. बाद में उसकी गिरफ्तारी पुरानी दिल्ली से दिखाई गई थी. इसके बाद उसे पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया गया था.

रमन के आर्टिकल में लिखा है कि सरेंडर करने से पहले याकूब ने जो किया था, उसके लिए उसे फांसी की सजा होनी ही चाहिए. लेकिन गिरफ्तार होने के बाद उसने जांच एजेंसियों की काफी मदद की थी. उस कारण उसे फांसी की सजा देने से पहले सोचा जाना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि उसके सहयोग के कारण ही सिलसिलेवार धमाके में पाकिस्तान का हाथ होने का पता चल सका था.

Related News