मुरैना : जातिवाद समाज में इस कदर जकड़ता जा रहा है कि लोग शमशान में भी जातिवाद का बीज रोप रहे है। गढ़ी गांव में दबंगो ने एक दलित को उसकी पत्नी का शमशान में अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया। जिलाधिकारी ने इन बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उसकी पत्नी लंबे सय से बीमार चल रही थी और सूरत में उसकी मौत हो गई। मंगलवार को पीड़ित शव लेकर अंतिम संस्कार करने के लिए गांव पहुंचा। जब वह शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए गांव के परंपरागत श्मशान पर पहुंचा तो वहां पहले से मौजूद दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर रखा था। बहुत मिन्नतों के बाद भी अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। उसने गांव के लोगों से उनके खेत में अंतिम संस्कार करने की बात की, लेकिन इस पर भी सबने मना कर दिया। इस वजह से वह मंगलवार को पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया। बुधवार को उसने गांव में ही अपने घर के सामने अंतिम संस्कार कर दिया। दलित राजनीति पर चर्चा, छवि सुधारने के लिए घर-घर जाएंगे मोदी के मंत्री गाय की खाल उतारने पर दो दलितों की पिटाई !