कोलंबो : श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भारत के साथ आर्थिक व तकनीकी सहयोग समझौते का विरोध करने वालों को देशद्रोही बताया है। रानिल का कहना है कि प्रस्तावित समझौते से देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री शनिवार को हंबनतोता कस्बे में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। तभी उन्होने कहा कि जो भी लोग इसका विरोध कर रहे है, वो देशद्रोही है, क्यों कि वे नहीं चाहते कि युवाओं को रोजगार मिले। प्रधानमंत्री ने ट्रेड यूनियनों पर अन्य पेशेवर समूहों की भी आलोचना की। उन्होने कहा कि यह गलत धारणा है कि इससे देश में भारतीयों की तादाद बढ़ जाएगी, जो कि श्रीलंका के आइटी क्षेत्र में उपलब्ध सीमित रोजगार अवसरों का दोहन कर लेंगे। विक्रमसिंघे ने कहा कि पूर्व वाले सीईपीए में उत्पाद सेवाओं के लिए प्रावधान था और अब हम केवल प्रौद्दोगिकी व उत्पाद चाह रहे है, कोई सेवा नही। बता दें कि विपक्ष ने इसे देश की अर्थव्यवस्था के विदेशीकरण का प्रयास करार दिया है।