सिंहस्थ में कथा वाचक श्री फा़रूख खान बने आकर्षण का केन्द्र

उज्जैन: उज्जैन नगरी इन दिनों ज्ञान और आध्यारत्मस की नगरी के रूप में पूरी तरह तब्दीैल हो गई है। सिंहस्थम के दौरान यहां कथा और प्रवचनों के जरिये ज्ञान रूपी अमृत बरस रहा है। बड़े-बड़े संत-महंत और महामण्ड्लेश्वबर अपने भक्त। और अनुयायियों को ज्ञान के साथ-साथ दीक्षा भी दे रहे हैं। संतो के प्रवचन और आर्शीवचनों से श्रद्धालु अपने अध्याात्मल का मार्ग प्रशस्ते कर रहे हैं। 

सिंहस्थ् मेला क्षेत्र में अनेक साधु-संतो, कथा-वाचकों और भक्तोंक के बीच राम कथावाचक श्री फ़ारूख खान आकर्षण का केन्द्र  बने हुये हैं। इनकी खास बात यह है कि मुस्लिम धर्म का होने के बावजूद इन्हेंद रामायण, हिन्दूल धर्म और संस्कृोति का गहन ज्ञान है। उनके कथा-वाचन का रोचक अंदाज श्रोताओं को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। वे जिस भक्ति, शिद्दत और उद्धरणों के साथ राम कथा का वाचन करते हैं कि श्रोता मंत्र-मुग्धर और तल्लीान होकर उसे सुनता है। उनके पंडाल के पास से निकलने वाला हर श्रोता कानों में राम कथा की आवाज़ आते ही पंडाल के भीतर जाकर कथा सुनने के लिये विवश हो जाता है। 

राम कथा वाचक राजगढ़ निवासी श्री फा़रूख खान बताते हैं कि वे पिछले 25 वर्ष से रामकथा सुनाते आ रहे हैं। अब तक वे 5 हजार से अधिक बार राम कथा सुना चुके हैं। पाँच वक्ते की नमाज़ अदा करने, सभी धर्म में आस्थाा एवं श्रद्धा रखने वाले श्री फ़ारूख खान का मत है कि सभी धर्मों की मूल बात एक ही-प्रेम, दया, क्षमा, भाईचारा और मानव-कल्या ण है। श्री फ़ारूख कहते हैं कि "परहित सरिस धरम नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई" । श्री फ़ारूख कहते हैं कि मर्यादा पुरूषोत्त म श्री राम के आर्दशों को अपनाकर ही जीवन और समाज का समग्र कल्यामण हो सकता है। 

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