रजनीकांत पर भारी पड़ा है

रजनीकांत और केजरीवाल की मुलाकात हो जाती है..!

रजनीकांत: मेरे गाँव में लाइट नहीं थी..! मैं अगरबत्ती जलाकर उसकी रौशनी में पढ़ता था ।

केजरीवाल: हमारे गाँव में भी बिजली नहीं थी और हमारे पास अगरबत्ती के पैसे भी नहीं थे..! फिर भी मैं पढ़ा ।

रजनीकांत: कैसे..?

केजरीवाल: मेरा एक दोस्त था प्रकाश.. उसे पास बिठा कर पढता था। एक दिन प्रकाश भीग गया वो नहीं आया फिर भी मैं पढ़ा ।

रजनीकांत: कैसे..?

केजरीवाल: गाँव में ज्योति नाम की लड़की भी तो थी । उसके पास बैठ कर।

रजनीकांत बेहोश.. आज तक के इतिहास मे पहली बार कोई रजनीकांत पर भारी पड़ा है..!

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