राजस्थान में कर्जमाफी की खुली पोल, बैंकों ने किसानों को भेजा जमीन नीलामी का नोटिस

बांदा: लोकसभा के चुनाव समाप्त होते ही बैंकों ने किसानों के ऊपर शिकंजा कसना आरंभ कर दिया है. बुंदेलखंड का किसान अनावृष्टि ओलावृष्टि और सूखे से हमेशा तबाह और बर्बाद रहा है और जहां एक तरफ प्रकृति किसानों की कमर तोड़ रही है और वहीं सरकारी हुक्मरान भी इन किसानों को बदहाल बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

बुंदेलखंड के बांदा में सहकारी ग्रामीण बैंक ने 57 किसानों को जमीन की नीलामी का नोटिस थमा दिया है. इन किसानों से सहकारी बैंक को 50 लाख रुपये की राशि वसूलनी है और अगर ये वक़्त पर कर्ज नहीं दे पाते तो इनकी जमीनें 10 जून से 22 जून 2019 के भीतर ही नीलाम हो जाएंगी. मवई गांव के किसानों ने जानकारी देते हुए बताया है कि घर में बीमारी और तंगहाली के चलते हम बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाए और बैंकों की की कारगुजारी भी देखिए, इन्होंने बैंक से ₹20000 रुपये कर्ज लिए और उसमें भी इन किसानों के हाथ 13000 रुपए ही आए और जब उन्होंने अन्य पैसे की मांग की तो उन्हें कहा गया कि यह बैंकों का खर्च है, जो देना ही पड़ता है.

किसान इस कर्ज को चुकाने के लिए परेशान है और उन्होंने यह भी बताया की जमीन सूखी पड़ी है. पानी नहीं बरसा. खेत में कुछ उत्पन्न ही नहीं हुआ, तो कर्ज हम कैसे भरें अगर सरकार हमारी नहीं सुनती तो हम लोग परिवार समेत आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाएंगे.

सरकार ने बढ़ाया सुरक्षा शुल्क, महंगी होगी विमान सेवा

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- बैंकिंग, गैर-बैंकिंग क्षेत्र में संचालन सुधार पर ध्यान देगा रिजर्व बैंक

जेवराती माँग कमजोर रहने के बावजूद बाजार में चमका सोना

Related News