रेलवे परिसर में दिया जाएगा रोजगार का हुनर

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को गति प्रदान करने के लिए रेलवे, अपने स्टेशनों, वर्कशॉप, स्कूलों और प्रशिक्षण संस्थानों में स्थान व सुविधाएं प्रदान करेगा. इस संबंध में रेल मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है. इस योजना का क्रियान्वयन युवाओ को रोजगार प्रशिक्षण देने के लिए किया जा रहा है. प्रधानमंत्री आज इस योजना का शुभारम्भ करेंगे.

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस अवसर पर आयोजित एक समरोह में कहा कि नवीनतम सर्वे में देश की जनसंख्या 1.27 अरब बताई गयी है. चीन को जनसंख्या नियंत्रण में सफलता मिली है लेकिन हमारे यहाँ अभी भी जनसँख्या बढ़ती ही जा रही है. लिहाजा इस विशाल जनसँख्या को कुशल बनाकर उत्पादक कार्यों में लगाना होगा. वैसे भी जापान व अन्य विकसित देशों की अपेक्षा भारत के पास युवा शक्ति अधिक तादात में है. इन्हें हुनरमंद बनाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इजाफा किया जा सकता है.

सरकार के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम का यही उद्देशय है. कौशल प्रशिक्षण के लिए न केवल रेलवे परिसर उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि रेलवे कर्मचारी खुद प्रशिक्षण भी देंगे. देश में सात हजार से अधिक रेलवे स्टेशन तथा सैकड़ों कार्यशालाएं हैं. इनमें से अधिकाँश का पूरी तरह से प्रयोग नहीं होता है. अब इस खाली जगह का उपयोग दक्षता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा.

इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने बताया कि रेलवे एक विशाल संगठन है. उनका मंत्रालय देश भर में युवाओं को प्रशिक्षित करने का व्यापक कार्यक्रम का शुभारम्भ करने जा रहा है. रेलवे का जाल पूरे देश और ग्रामीण क्षेत्रो में भी फैला हुआ है. इस समझौते के परिणामस्वरूप नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएचडीसी) ग्रामीण बेरोजगारों को उनके घर के करीब ही प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जावेगी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीघ्र ही नवीन राष्ट्रीय कौशल विकास नीति की का एलान करेंगे. वह राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को औपचारिक रूप से प्रारम्भ करेंगे. सरकार का लक्ष्य 2020 तक 40.2 करोड़ लोगों को किसी न किसी रोजगार में कौशल प्रदान करना है.

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