पटियाला हाउस कोर्ट विवाद : पुलिस पर उठे सवाल

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशद्रोही नारेबाजी को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में हुए हंगामे और हिंसा के बाद अभिभाषकों की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी है। 6 सदस्यों वाली जांच समिति की रिपोर्ट बंद लिफाफों में सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त पैनल द्वारा तैयार की गई मोबाईल क्लिप का वीडियो पेन ड्राइव में सौंप दिया गया। पटियाला हाउस कोर्ट में हिंसा होने को लेकर पुलिस पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं कहा जा रहा है कि इस मामले में पुलिस की भी मिलीभगत थी। 

उल्लेखनीय है कि पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान वकीलों ने हंगामा कर दिया था। इन वकीलों ने देशप्रेम के नारे लगाए और देशद्रोही नारे लगाने वालों का विरोध किया। इस दौरान न्यायालय परिसर में मारपीट भी हुई। कथित तौर पर कुछ पत्रकार भी अभिभाषकों के निशाने पर आ गए।

सर्वोच्च न्यायालय ने धवन के अतिरिक्त कपील सिब्बल, दुष्यंत दवे, हरेन रावल, प्रशांत और एडीएन राव को घटनास्थल पर जाकर ग्राउंड रिपोर्ट सौंपने को कहा था। धवन और दवे ने इस रिपोर्ट को मीडिया के साथ साझा करने का प्रस्ताव दिया सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में अपनी स्वीकृति दी। इस दौरान एडिशनल साॅलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी जांच समिति का गठन किया। कहा जा रहा है कि इस मामले में दोषी वकीलों की सनद पर आंच आ सकती है। 

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