जो आखे दुसरो की जरुरत को समझे जो हाथ सदेव दुसरो की मदद के लिए उठे हो जो कान दुसरो की पुकार सुनने को तत्पर हो वो इंसान ही प्यार की मूरत है और यही प्यार की परिभाषा है