हर शख्स की प्यास पानी से नही बुझती जहर का भी तो एक समन्दर होना चाहिए हिन्दू का राम है मोहम्मद है मुसलमाँ का इंसान का भी तो कहीँ कोई पयम्बर होना चाहिए अपनी गहराई दूँगा तुम्हेँ एक शर्त के साथ कि तुम्हारा खोखलापन भी मेरे अन्दर होना चाहिए कोई न मिले साथ चलने को तो हमे ले चलो मस्जिद मेँ कम से कम कोई तो काफिर होना चाहिए॥