प्यार लोगों ने जताया

प्यार लोगों ने जताया , उम्र भर! और मैं भी मुस्कुराया , उम्र भर! संग साये की तरह चलती रही, जिंदगी की मोह-माया , उम्र भर! बंद कमरे में वो रो लेता है रोज, जिसने लोगों को हँसाया , उम्र भर! कुछ तो ऐसे भेद थे अपने ही पास, जिनको ख़ुद से भी छिपाया , उम्र भर! मेरे आँगन में खड़ा वो हर श्रंगार, मुक्त मन से खिलखिलाया , उम्र भर! नींद लगते साथ ही दिखता है रोज, एक सपने ने सताया , उम्र भर! फिर भी,लगता है कि कुछ सीखे नहीं, यूँ तो जीवन ने सिखाया,उम्र भर!

Related News