प्यार की कलियाँ खिली थीं

क्या हसींन मंजर था जब नजरें मिली थीं क्या समां सुहाना था जब प्यार की कलियाँ खिली थीं  जिंदगी गुलजार थी हर तरफ बहार थी पर अब सब कुछ बदल गया जिंदगी में सिर्फ गम का तूफान रह गया अब हमें खुद ही यकीन नहीं आता है कि हम पर भी कभी प्यार की बारिश हुयी थी बेबफा तो उनका दिल भी था उसको भी कभी हमसे हमदर्दी न हुयी थी प्यार नही करते थे वो उन्हें कुछ पलों के लिए हमसे दोस्ती हुयी थी

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