पंजाब में पानी पर रार, अब राष्ट्रपति से करेंगे गुहार

चंडीगढ़ - इन दिनों पंजाब में राज्य के पानी को बाहर नहीं जाने देने को लेकर रार जारी है. पंजाब सरकार ने राज्य से पानी बाहर जाने की इजाजत नहीं देने की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए गुरुवार को राष्ट्रपति से अपील करने का निर्णय लिया है. बता दें कि सतलुज-यमुना लिंक नहर( एसवाईएल )मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार के इस प्रयास को मंजूर नहीं किया है.

दरअसल पंजाब सरकार ने राष्ट्रपति से मिलकर यह अपील करने का फैसला किया है कि वह सतलुज-यमुना लिंक नहर मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की सलाह नहीं मानें. एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 16 नवम्बर को पंजाब विधानसभा का एक आपात सत्र आहूत करने के अलावा अगले महीने मोगा में एक 'महा सम्मेलन' आयोजित करने का भी निर्णय किया है.आज शाम मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट की बैठक भी हुई.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने सतलुज-यमुना संपर्क नहर जल बंटवारा समझौते से बचने के सरकार के प्रयासों को नाकाम करते हुए कहा कि वह एकपक्षीय तरीके से इसे निरस्त नहीं कर सकता और शीर्ष अदालत के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए कानून नहीं लागू कर सकता .

जबकि बैठक के बाद सीएम बादल ने कहा हम पंजाब से पानी बाहर जाने की इजाजत नहीं देंगे.राज्य के पास पड़ोसी राज्य से पानी साझा करने के लिए एक भी बूंद पानी नहीं है. जबकि  उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा पंजाब के प्रत्येक नागरिक, विशेष तौर पर किसानों एवं व्यापार एवं उद्योग के लिए एक जीवनरेखा है. कोई भी हमारे नागरिकों के अधिकार नहीं ले सकता.

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