सात दिन नहीं चल पाया साथ जन्मो का बंधन

अलीगढ़ : शादी को सात जन्मो का बंधन माना जाता है लेकिन एक नवविवाहिता सात दिन भी ये बंधन नहीं निभा पायी. शादी के कुछ दिन ससुराल में रहने के बाद उसने ससुराल जाने से मना कर दिया, परिजन व रिश्तेदार ने उसे समझाने के लिए हजारो पैतरे अपनाये लेकिन एक से भी बात नहीं बनी. रविवार को गांव में बैठायी गयी पंचायत में लड़की ने ससुराल जाने के लिए साफ़ साफ़ इंकार कर दिया. अंत में नवविवाहित जोड़े ने पंचो के सामने एक दूसरे के साथ से इंकार कर दिया.

घटना क़स्बा के नजदीकी गाँव शाहपुरा का है. युवती के पिता की मृत्यु बहुत पहले ही हो गयी थी. उसकी माँ काफी दिनों से यूपीएसआइडीसी कार्यालय के समीप एक फैक्ट्री में नौकरी कर अपने परिवार का लालन पालन कर रही थी. महिला ने अपनी लड़की का विवाह बीते वर्ष सात जुलाई को गांव गडि़या चाऊपुर थाना अतरौली के धर्मपाल पुत्र सुरेश के साथ सम्पन्न करवाया था. लड़की तीन दिन रहने के बाद ससुराल से लौट आई. उसके बाद चार दिन ससुराल रह कर अपने घर वापिस आ गयी.

तालानगरी के खुले माहौल में रही लड़की ससुराल में बंधन भरा जीवन नहीं जी पा रही थी. इसके बाद जब-जब पति ने बिचौलिया व रिश्तेदारों से दबाव बनवा कर वापिस आने को कहा तो उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया. लड़की की बात सुनने के बाद ससुराल पक्ष ने डराना धमकाना चालु कर दिया ऐसे में लड़की ने महिला थाने में जाकर पति, ससुर के खिलाफ दहेज मांगने का मामला दर्ज करवा दिया.इसकी जानकारी मिलते ही ससुराल वालो के पेरो तले जमीन खिसक गयी. सोमवार को बिचौलिया व ग्रामीणों के साथ पंचायत लेकर पति शाहपुर पहुंचा जहां लड़की ने पति पर आरोपों की झड़ी लगा दी. अंत में पति ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों के आगे स्टांप पर संबंध विच्छेद करके हताश हो कर लौट गए.

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