यूनान को बचाने का नहीं सूझ रहा कोई रास्ता

ब्रसेल्स : लगता है कि वित्तीस संकट से जूझ रहे यूनान के पास इस परेशानी से उबरने का कोई रास्ता नहीं है। हालात ये हैं कि यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरमस भी ऐसे खराब आर्थिक हालात में निरूत्तर हो गए हैं। यही नहीं मामले में कहा गया है कि हो सकता है यूनान के बैंक्स  यूरोजोन की श्रेणी से ही बाहर हो जाऐं। ऐसे में बैंकों को राशि प्रबंधन करने में मुश्किल होगी। जी हां, यूनान पर आर्थिक संकट की तलवार लटक रही है।

हालात ये हैं कि लिथुआनिया के राष्ट्रपति छालिया ग्रिबाउसकेत को भी कहना पड़ा है कि सोश्यल नेटवर्किंग साईट फेसबुक, गूगल प्लस  को ज्वाइन करें और ट्विटर पर आप फाॅलो करें। मामले में कहा गया है कि यूनान के प्रधानमंत्री यूरोजन नेतृत्व के बीच किसी तरह की स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके। ऐसे में उनके पास कोई स्पष्ट उत्तर नहीं था। हालांकि वे समिट में मुस्कुराते रहे मगर वे आर्थिक संकट से यूनान को उबारने में यहां पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए। 

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