दालों की कीमतें अब विदेशों के भरोसे

नई दिल्ली : डेढ़ साल से दालों की कीमतें आसमान छू रही है.लेकिन मोदी सरकार कीमतें कम नहीं कर पा रही है.अब इसके लिए कृषि और किसान मंत्रालय ने नायब हल ढूंढा है.सुझाव दिया गया है कि भारतीय कम्पनियों को म्यांमार और अफ्रीका में ठेके पर खेती की जाए. कृषि सचिव ने इस बारे में बैठक की.

सरकार अपरोक्ष रूप से मान चुकी है कि दालों की बढती कीमतों का हल विदेश में है.विडंबना यह है कि दाल उत्पादक किसानों को दालों के दाम 40 से 60 रु. प्रति किलो मिल रहे हैं.जबकि उपभोक्ता दाल की 150 से 225 रु. प्रति किलो कीमत चुका रहा है. दालों के भाव कम करने के सम्बन्ध में गत 5 नवम्बर को एक अंतर मंत्रालय बैठक हुई जिसमें सरकारी विभागों के अलावा कार्पोरेट संगठन, उद्योग संगठन आदि को बुलाया लेकिन किसान जो दाल उत्पादित करते हैं उनके किसी संगठन को इस बैठक में नहीं बुलाया.

इस बारे में विगत माहों में कई बैठकों के दौर चले लेकिन अभी तक न तो दालों की कीमतें कम हुई और न ही दलों की आपूर्ति हो सकी.

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