यूपी में राष्ट्रपति शासन की मांग, मायावती ने जताया विरोध

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती द्वारा एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला गया है। इस दौरान कहा गया है कि प्रदेश की बिगड़ती हालत के लिए सपा की अखिलेश यादव सरकार ही जिम्मेदार है। यहां न तो कानून है न ही विकास। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा कहा गया है कि उत्तरप्रदेश में अराजकता का माहौल है। सपा नेताओं और उच्च पदों पर बैठे लोगों की सांठगांठ के चलते राज्य में जंगलराज जैसा माहौल है।मामले में कहा गया है कि उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से मामले में अपील की गई है कि वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।

उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मामले में यह भी कहा गया है कि हालात इस कदर बेकाबू हो चुके हैं कि यहां पुलिसकर्मी ही किसी महिला को जिंदा जला देते हैं। दूसरी ओर लखनऊ में भी कई बार हालात बेकाबू हो जाते हैं। यही नहीं उनका कहना था कि दलितों की स्थिति फिर से खराब हो गई है। हालात ये है कि सरकारी नौकरियों में दलितों को लंबे समय से उपेिक्षत रखा गया है। उन्हें पदोन्नत तक नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सरकार उन्हें आरक्षण का लाभ दे सकती है लेकिन अखिलश सरकार केवल यादवों को ही महत्व देने में लगी है।

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