नई दिल्ली : भारत के महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा देश में सहिष्णुता बरतने की अपील की गई। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या सवा अरब से भी अधिक है। जहां पर लोग कई भाषाऐं बोलते हैं। यही नहीं यहां पर कई धर्मों को माना जाता है। भारत इस तरह की सहिष्णुता के कारण ही समृद्ध है। भारत की बाहुल्यता का संरक्षण भी बहुत जरूरी है। राष्ट्रपति देश में बिगड़ी वर्तमान स्थितियों पर अपना उद्बोधन दे रहे थे। उनका मानना था कि सभी क्षेत्रों में सर्वधर्म समभाव की जरूरत है। उनका कहना था कि लोकतंत्र में हर अंग को अपना कार्य करना चाहिए। किसी को भी एक दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यह भी कहा कि 122 भाषाऐं और 1600 बोलियों को अपनाने वाला यह देश विविध है और इसकी विविधता के संरक्षण की जरूरत है। इस दौरान यह भी कहा गया कि देश के सामाजिक व आर्थिक ढांचे में अंतिम स्थान तक नागरिकों के लिए न्यायिक व्यवस्था तैयार किए जाने की जरूरत है। न्यायिक व्यवस्था को लेकर सभी को लोगों के भरोसे को बनाए रखने की भी जरूरत है।