राष्ट्रपति ने कहा भारत की अनेकता में एकता की संस्कृति से दूसरे देश हैरान

मथुरा: बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मथुरा के वृन्दावन में आयोजित चैतन्य महाप्रभु के पंचशती महोत्सव में दोहराया है की भारत में एकता, सद्भाव, प्रेम और मानवता ही चैतन्य महाप्रभु के जीवन का ध्येय था और आज भी भारत की अनेकता में एकता की संस्कृति उसे मजबूत बनाती है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा की हमे चैतन्य महाप्रभु के जीवन का ध्येय लेकर भारत में एकता की नीव को और भी मजबूत करना चाहिए. यह आयोजन परमेश्वरी देवी धानुका इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया था.

इस दौरान राष्ट्रपति ने चैतन्य महाप्रभु के बंगाल से जुड़े प्रसंग भी लोगो के सामने प्रस्तुत किये. इस आयोजन में उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाइक भी उपस्थित थे उन्होंने कहा की आज के समय में लोगो की नजरे कुष्ठ रोगियों को घृणा की दृष्टि से देखती है. परन्तु आज से पांच सौ वर्ष पूर्व चैतन्य महाप्रभु ने कुष्ठ रोगियों की सेवा की थी। उन्होंने प्रेम की भाषा से वैष्णव धर्म का ऐसा प्रचार प्रसार किया कि पशु पक्षी तक आनंदित हो उठते थे.

इस दौरान राष्ट्रपति का स्वागत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया. वे अपने बिजी शेड्यूल के चलते इस कार्यक्रम में शरीक नही हो पाए. इस कार्यक्रम में राज्य सरकार की और से मंत्री दुर्गा सिंह यादव उपस्थित रहे.  

 

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