फ़ारूक़ अब्दुल्लाह को राष्ट्रपति क्यों बनाना चाहती हैं ममता बनर्जी ?

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांस्टीट्यूशन क्लब में बुलाई गई ममता बनर्जी की बैठक में संभावित उम्मीदवार को लेकर गहन विचार विमर्श किया गया। विपक्षी दलों की यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली। मीटिंग में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में महात्मा गांधी के पोते गोपाल गांधी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा।

सूत्रों ने बताया है कि विपक्षी खेमा पहले शरद पवार को चुनाव मैदान में उतारने का इच्छुक था। मगर जीत पर संशय देख पवार ने खुद को इस रेस से अलग कर लिया। उसके बाद दूसरे नामों पर मंथन शुरू हुआ। विपक्षी दलों ने एक एक करके अपनी राय रखी। बाद में ममता ने दो नाम सुझाए। इसके बाद शरद पवार ने भी कहा कि हम नाम पर रायशुमारी कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने फैसला लिया है कि एक ही उम्मीदवार होगा, ताकि मोदी सरकार के खिलाफ अपने कैंडिडेट को मजबूती से खड़ा किया जाए। साथ ही केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों पर लगाम लगाई जा सके।

ममता ने विपक्ष के 22 नेताओं को पत्र लिखते हुए बैठक में शामिल होने का आग्रह किया था। कांग्रेस की तरफ से इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव प्रस्तावित हैं। 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। उससे पहले राष्ट्रपति चुना जाना है।

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