रेलवे ने हटाया आठ ट्रेनों को प्रीमियम कैटेगरी से, यात्रियों को मिली राहत

नई दिल्ली : रेलवे ने यात्रियों के पक्छ में एक बड़ा फैसला किया हैं। रेलवे ने अपनी आठ ट्रेनों को प्रीमियम कैटेगरी से हटा दिया है। अब इन आठ ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह खुश खबरी है की उनको कम किराया चुकाना होगा। प्रीमियम ट्रेनों में टिकट की कीमत डिमांड के आधार पर निर्धारित की जाएगी जो सामान्य किराए से तीन से पांच गुना तक ज्यादा होता है। इसका यात्रियों द्वारा विरोध किया जा रहा था क्योंकि कुछ रूट्स पर तो इन प्रीमियम ट्रेन के टिकट की कीमत प्लेन के टिकट के बराबर होती है।

इन 8 ट्रेनों में कम होगा टिकट-

02019 : मुंबई सीएसटी से नागपुर जंक्शन 02020 : नागपुर जंक्शन से मुंबई सीएसटी 02053 : मुंबई सीएसटी से पटना जंक्शन 02047 : लोकमान्य तिलक टर्मिनस से गोरखपुर 02069 : लोकमान्य तिलक टर्मिनस से वाराणसी 02057 : मुंबई सीएसटी से थिरुनेलवेली जंक्शन 02065 : मुंबई सीएसटी से एर्नाकुलम 02882 : पुणे से भुवनेश्वर

मार्च में की शुरुआत-

वर्ष 2015 मार्च में रेलवे ने प्रीमियम कैटेगरी की शुरुआत की थी। अतिरिक्त सुविधा दिए बिना रेलवे एक तरफ से प्रीमियम कैटेगरी का किराया वसूलता रहा था तो वापसी के लिए यही किराया नॉर्मल होता था। रेलवे अधिकारी के मुताबिक सीएसटी-एर्नाकुलम और सीएसटी-थिरुनेलवेली में 35 फीसदी सीटें खाली होने के बाद यह अहसास हुआ कि यात्री इतना ज्यादा किराया देने में दिलचस्पी नहीं रखते। वेस्टर्न इंडिया पैसेंजर एसोसिएशन के सदस्य थॉमस सिमॉन का कहना है कि प्रीमियर कांसेप्ट ही गलत है। उनके अनुसार, "यह और कुछ नहीं बल्कि ब्लैक का बाजार है जिससे रेलवे कुछ खास रूट्स पर त्योहारों के दौरान जमकर मुनाफा कमाना चाहती है। हमें उम्मीद है कि इस कांसेप्ट को पूरी तरह वापस लिया जाएगा।" सिमॉन कहते हैं कि प्रीमियम ट्रेनों से बेहतर तो ये होगा कि रेलवे अपने रैक्स का बेहतर प्रबंधन करे और ट्रेनों की स्पीड बढ़ाए।

क्या होती है प्रीमियम ट्रेन-

ऑनलाइन टिकट बुक कराए जाने वाली ट्रेने प्रीमियम केटेगिरी में अति है। इनका किराया आम ट्रेनों से बहुत अधिक होता है। इन ट्रेनों में सीट कन्फर्म होने की पूरी गारंटी तो होती है लेकिन जैसे-जैसे सीट फुल होती जाती हैं वैसे-वैसे किराया बढ़ता जाएगा। यानी कन्फर्म टिकट चाहिए तो किराया भी उसी हिसाब से देना होगा। इन ट्रेनों में वेटिंग टिकट नहीं दी जाती और ना ही किसी तरह की छुट।

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