1982 के बाद पहली बार वातावरण हुआ शुध्द, इतना गिरा कार्बन उत्सर्जन

कोविड 19 यानी कोरोना का आक्रमण शुरू होने से पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का आलम चल रहा है. यह चिंता का विषय है, लेकिन साथ ही इसकी वजह से वातावरण शुद्ध हुआ है क्योंकि कई किस्म के जहरीले तत्वों के उत्सर्जन में कमी दर्ज की गई है. इनमें से सबसे प्रमुख है कार्बन डाई ऑक्साइड.

दिल्ली में तीसरे लॉकडाउन के बाद भी नहीं थमा कोरोना का कहर

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के अलावा कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) के स्तर में कमी की मुख्य वजहें हैं कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन. इसके अलावा हाल के वर्षों में क्लीन एनर्जी के उपयोग में आई बढ़ोतरी ने भी पर्यावरणीय प्रदूषण की बढ़ती रफ्तार को थामने का काम किया है.

दिल्ली-सोनीपत सीमा विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने बोली यह बात

इस मामले को लेकर सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1982 के बाद पहली बार वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार इस साल मार्च के महीने में CO2 के उत्सर्जन में 15 फीसदी की कमी आई है, जबकि अप्रैल में इसके स्तर में 30 फीसद की गिरावट का अनुमान है.

सांसो पर वार करता है कोरोना, यह सस्ती डिवाइस बन सकती है प्राण वायु

169 सिक्किम निवासी लौटे अपने घर, अधिकारियों ने जारी की रिपोर्ट

आखिर क्यों कार्ति चिदंबरम की याचिका हो गई खारिज ?

 

Related News