मध्य प्रदेश में किसके सिर सजेगा ताज, तय करेगा सोशल मीडिया !

भोपाल: मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस बार कांग्रेस ने लगातार 3 बार भारतीय जनता पार्टी से मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह को हराने के लिए भाजपा के ही हथियार को इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है, कांग्रेस ने साफ़ कर दिया है कि राज्य में इस बार के विधान सभा चुनाव में उन्ही लोगों को टिकट दिया जाएगा, जिनकी सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ होगी. इससे पहले भाजपा ने भी यूपी चुनाव के दौरान टिकट वितरण के लिए सोशल मीडिया पर नेताओं की लोकप्रियता को अपना आधार बनाया था.

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कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेताओं से साफ़-साफ़ कह दिया है कि अगर टिकट चाहिए तो सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स की संख्या बढ़ानी होगी. कांग्रेस ने इसके लिए आंकड़े भी निर्धारित कर दिए हैं, कांग्रेस ने कहा है कि टिकट प्राप्त करने के लिए नेताओं के ट्विटर हैंडल पर कम से कम 5,000 फॉलोवर्स, साथ ही फेसबुक अकाउंट पर 15000 लाइक्स होने चाहिए. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने नेताओं को अपने सोशल मीडिया अकॉउंटस की डिटेल जमा कराने के लिए 15 सितम्बर तक की मोहलत दी है. भाजपा ने यूपी चुनाव में 25000 लाइक्स की मांग की थी.

इस बार चुनाव में होगा साइबर वॉर 

सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही युवा वोटरों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर ध्यान दे रही हैं. वर्तमान समय में जब सोशल मीडिया का क्रेज अपने चरम पर है, ऐसे में राजनितिक पार्टियां जमीनी प्रचार से ज्यादा सोशल मीडिया पर प्रचार करने की पुरजोर कोशिशें कर रही हैं. इसके लिए राजनितिक दल ने ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप को हथियार बनाया है. 

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