लुइसियाना : अमेरिका में एक बार फिर से फायरिंग की घटना सामने आई है। इस बार निशाना आम आदमी नहीं बल्कि पुलिसकर्मी रहे। लुइसियाना प्रांत के एक शॉपिंग मॉल में 8 पुलिस कर्मियों को गोली मार दी गई। तीन की तो मौके पर ही मौत हो गई। नकाबपोश हमलावर काले कपड़े पहनकर आया था और उसके निशाने पर पुलिसवाले ही थे। बदमाश हमैंड एयर प्लाजा में कार वॉश एरिया से स्टोर की ओर फायरिंग करते हुए आए। पुलिस ने एक सस्पेक्ट को मार गिराया है। दो फरार हैं। इससे पहले 7 जुलाई को डलास में स्नाइपर्स ने प्रदर्शनों की आड़ में 5 पुलिसवालों की हत्या की थी। बीते दिनों पुलिस वालों द्वारा दो अश्वेतों के मारे जाने के बाद से ही विवाद शुरु हो गया था। 4 जुलाई को पुलिस ने एल्टन स्टर्लिंग नाम के एख ब्लैक अमेरिकन को मारा था, जो कि अवैध रुप से सीडी बेचता था। पुलिस का आरोप था कि उसके पास हथियार थे और वो पुलिस को शूट करने वाला था। इसके एक दिन बाद 6 जुलाई को भी मिनेसोटा में फिलान्डो केस्टिले नाम का शख्स अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कार में था। पुलिस ने उसे ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने को कहा। लेकिन तभी पुलिस को लगा कि वह गन निकाल रहा है। उसे पुलिस ने वहीं शूट कर दिया। इसके बाद उसकी गर्लफ्रेंड डायमंड रेनॉल्ड्स ने एक वीडियो शूट कर लिया जो वायरल हो गया था। इन दोनों घटनाओं के बाद अश्वेतों ने जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पुलिस पर हमला कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस पर हमला करने का अर्थ अमेरिकियोों पर हमला करने जैसा है। लोगों से अपील करते हुए ओबामा ने कहा कि वो किसी भी प्रकार के उकसाने या बांटने वाले शब्दों से बचें। इस घटना के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ये डरपोकों का काम है। 7 जुलाई को भी अश्वेतों द्वारा प्रदर्शन के दौरान डलास में 11 पुलिस कर्मियों पर गोली चला दी गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना के लिए अमेरिकी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना पर दुख प्रकट किया है। उन्होने ट्वीट कर कहा कि हमारे देश में नेतृत्व की कमी के कारण और कितने अधिकारियों और आम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी? हम देश में क़ानून व्यवस्था की मांग करते हैं।