जब गुरु के दर जाना हो, तो दिमाग बंद कर लेना जब गुरु के शब्द सुनने हों, तो कान खोल लेना जब गुरु पे विश्वास करना हो, तो आँखें बंद कर लेना जब गुरु को अर्पण करना हो, तो दिल खोल लेना जब गुरु का प्रवचन सुनना हो, तो मुख बंद कर लेना जब गुरु की सेवा करनी हो, तो घड़ी बंद कर लेना जब गुरु से विनती करनी हो, तो झोली खोल लेना "यह गुरु का दर है यहाँ मनमानी नही होती, यह बात भी पक्की है कि कोई परेशानी नही होती गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूँ पाँय बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय गुरु ज्ञान का असीम भंडार हे गुरु ही सही रास्ता दिखाता हे दुनियां में गुरु को ही सर्वोत्तम बताया गया इसलिए भगवान से बड़ा गुरु को बताया गया हे।