मैं जीव हूँ मुझे काट ना देंना एक भी डाली को छाँट ना देंना वक्त आने पर जरूरत के लिये कुल्हाड़ी सें मुझे काट ना देंना शुद्ध वायू मैं देता हूँ कार्बनडाईआक्साईड मैं लेता हूँ जीवन को सार्थक बना दुंगा मैं आपको वचन देता हूँ मेरी पत्तियो के छाँवो में वक्त जरा बिताना तुम तुझको मैं शीतल ही शीतल कर दूँ तो सारी दुनिया को बताना तुम writer ...संजय सिंह राजगढ़ मिर्जापुर उत्तर प्रदेश प्रद्युम्न की किलकारियां सहम जाने पर, प्रसून जोशी ने अपनी कविता के जरिये बयां की सच्चाई नवरात्र के आरंभ से पहले मातारानी की भक्ति में एक कविता पेड़ो की पुकार पर भी दे ध्यान