1. नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आखिर किस तरह ठहरे कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये. 2. हुस्न को बे-हिज़ाब होना था शौक़ को कामयाब होना था हिजर में कैफ-ऐ-इज़्तेराब न पूछ खून -ऐ -दिल भी शराब होना था तेरे जलवों पे मर मिट गए आखिर ज़र्रे को आफताब होना था कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी कुछ मुझे भी खराब होना था रात तारों का टूटना भी ‘मजाज़’ बाइस -ऐ -ना उम्मीद होना था. 3. तेरे नैनो की शोख अदाओं ने हमे लूटा लिया तेरी झील सी गहरी आँखों ने हमे लूटा लिया हम तो लूट चुके है इस कदर ऐ हसीं ख्वाब अब डरता हूँ कहीं कोई लूट न ले मेरे ख्वाब 4. वो बला की शोख़ी देखी है तेरी नज़रो मैं वो हुस्न वो नजाकत वो बेकाबू जुल्फ की घटा क्या क्या बयान करू मैं ऐ शोख हसीना हर बात बेमिासल है तेरे हुस्न की. 5. बहुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की, बना चुके तो लग गयी नज़र ज़म्माने की. उसी का क़र्ज़ है, जो आज है आँखों में आँसू, सज़ा मिली है हमें मुस्कुराने की. 6. बहुत खूबसूरत हो तुम कभी मैं काहु क मोहब्बत है तुमसे तो मुझको खुदरा ग़लत ना समझना क मेरी ज़रुरत हो तुम बहुत खूबसूरत हो तुम. 7. हसी फूलों को आती है, जब आप मुस्कुराते हो, हुमारी दुनिया बदल जाती है, जब आप मुस्कुराते हो, आपकी मुस्कुराहट के आयेज भला, क्या चाँद की रौनक, हुज़ूर खुद चाँद भी शरमाता है…! पंकज उदास जी को समर्पित उदासी शायरियां पति-पत्नी की बेहतरीन बहस माँ की ममता पर शायरियां