पार्टी से अलग प्रधानमंत्री का औजस्वी भाषण

लाल किले की प्राचीर से आज फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया तो देश के कोने -कोने में उत्साह की लहर फैल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में यूं तो योजनाओं का पिटारा ही भरा हुआ था लेकिन इसका प्रस्तुतीकरण काफी अलग था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में सभी वर्गों को छूने और एक बार फिर उन्हें खुश करने के प्रयास किए। हालांकि उनका उद्बोधन पिछले प्रधानमंत्रियों से बेहद अलग और औजस्वी था लेकिन इसे पूरी तरह से गैर राजनीतिक नहीं कहा जा सकता।

अपने मुंह से सरकार के कार्यों का उल्लेख करना शायद उनकी भी राजनीतिक मजबूरी रही होगी लेकिन जिस तरह से उन्होंने वन रेंक वन पेंशन को सैद्धांतिक मंजूरी देने की बात कही उससे पूर्व सैनिकों को राहत नहीं मिली तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने मुंह से सांप्रदायिकता और जातिवाद को देश के लिए खतरा बताया। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान भाजपा की हिंदूत्ववादी विचारधारा का घोर विरोधी है जो कि घर वापसी, लव जेहाद का विरोध और बढ़ती ईसाईयत का विरोध करती है। 

ऐसे में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री के तौर पर खड़े दिखते हैं जो कि उन्हें आज के दिन होना चाहिए लेकिन भाजपा और हिंदूवादी नेताओं व धर्मगुरूओं द्वारा की जा रही बयानबाजी इसे दोहरे स्वरूप में प्रस्तुत कर रही है। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री जनधन योजना की बात कर जनता में बचत की बात करने और करीब 17 करोड़ लोगों से इसके जुड़ने की बात कही। जो कि गरीबों में बचत की आदत विकसित होने की ओर इशारा करता है।

उनका कहना है कि इससे गरीबों की आर्थिक स्थिति विकसित होगी लेकिन इस योजना के तहत ऐसे कई खाते हैं जो कि जीरो बैलेंस पर आधारित हैं और उनमें अंतरण नहीं हुआ है ऐसे में बैंकों की मुश्किल बढ़ गई है और बैंकों को इन खातों को मैनेज करने के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है। यही नहीं जीरो बैलेंस के खातों से गरीब सही तरह से बचत नहीं कर पा रहा है। 

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संपन्न वर्ग द्वारा गैर सब्सिडाईज़्ड सिलेंडर लेने की अपील की गई जो कि निश्चिततौर पर सराहनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार और कालेधन पर भी बहुत कुछ कहा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार देश में दीमक की तरह लगा हुआ है लेकिन एनडीए को ही संसद में ललित मोदी गेट कांड और मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल भर्ती घोटाले का सामना करना पडा जिसे लेकर प्रदेश और केंद्र स्तर पर भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्बोधन बीते प्रधानमंत्रियों की तुलना में काफी प्रभावी था जिसने मन की बात करते हुए सभी के मन को छू लिया पार्टी से अलग प्रधानमंत्री का औजस्वी भाषण लाल किले की प्राचीर से आज फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया तो देश के कोने -कोने में उत्साह की लहर फैल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में यूं तो योजनाओं का पिटारा ही भरा हुआ था लेकिन इसका प्रस्तुतीकरण काफी अलग था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में सभी वर्गों को छूने और एक बार फिर उन्हें खुश करने के प्रयास किए। हालांकि उनका उद्बोधन पिछले प्रधानमंत्रियों से बेहद अलग और औजस्वी था लेकिन इसे पूरी तरह से गैर राजनीतिक नहीं कहा जा सकता। अपने मुंह से सरकार के कार्यों का उल्लेख करना शायद उनकी भी राजनीतिक मजबूरी रही होगी लेकिन जिस तरह से उन्होंने वन रेंक वन पेंशन को सैद्धांतिक मंजूरी देने की बात कही उससे पूर्व सैनिकों को राहत नहीं मिली तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने मुंह से सांप्रदायिकता और जातिवाद को देश के लिए खतरा बताया।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान भाजपा की हिंदूत्ववादी विचारधारा का घोर विरोधी है जो कि घर वापसी, लव जेहाद का विरोध और बढ़ती ईसाईयत का विरोध करती है। ऐसे में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री के तौर पर खड़े दिखते हैं जो कि उन्हें आज के दिन होना चाहिए लेकिन भाजपा और हिंदूवादी नेताओं व धर्मगुरूओं द्वारा की जा रही बयानबाजी इसे दोहरे स्वरूप में प्रस्तुत कर रही है। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री जनधन योजना की बात कर जनता में बचत की बात करने और करीब 17 करोड़ लोगों से इसके जुड़ने की बात कही।

जो कि गरीबों में बचत की आदत विकसित होने की ओर इशारा करता है। उनका कहना है कि इससे गरीबों की आर्थिक स्थिति विकसित होगी लेकिन इस योजना के तहत ऐसे कई खाते हैं जो कि जीरो बैलेंस पर आधारित हैं और उनमें अंतरण नहीं हुआ है ऐसे में बैंकों की मुश्किल बढ़ गई है और बैंकों को इन खातों को मैनेज करने के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है।

यही नहीं जीरो बैलेंस के खातों से गरीब सही तरह से बचत नहीं कर पा रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संपन्न वर्ग द्वारा गैर सब्सिडाईज़्ड सिलेंडर लेने की अपील की गई जो कि निश्चिततौर पर सराहनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार और कालेधन पर भी बहुत कुछ कहा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार देश में दीमक की तरह लगा हुआ है लेकिन एनडीए को ही संसद में ललित मोदी गेट कांड और मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल भर्ती घोटाले का सामना करना पडा जिसे लेकर प्रदेश और केंद्र स्तर पर भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्बोधन बीते प्रधानमंत्रियों की तुलना में काफी प्रभावी था जिसने मन की बात करते हुए सभी के मन को छू लिया लेकिन इसमें सरकार की योजनाओं और सरकार के कार्यों का विवरणात्मक चिट्ठा भी था। जो कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। या लेकिन इसमें सरकार की योजनाओं और सरकार के कार्यों का विवरणात्मक चिट्ठा भी था। जो कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। 

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